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Showing posts from July, 2024

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Family - are we flying or falling apart

Listen👇 It was getting very hot, so in the evening I went to the terrace with my son. After going to the terrace, the son started playing here and there on the terrace and I started walking and looking here and there. My eyes fell on a flock of flying birds who were returning to their places after dusk. Although now we do not see as many flocks of birds as before, but still a few are seen. flock of birds I called my son near and pointing towards those birds said, look at that flock of birds, they are flying towards their homes. The son said, yes, I know that they are birds and they fly like that. I said, "Yes, but do you know why they fly together like that and why they make different shapes while flying?"Because in this way they can fly easily while cutting the air. A single bird cannot fly very far cutting the air so easily. If the wind blows very strongly, it will become very difficult for a single bird to fly forward. That's why they fly together like this and return

परिवार -हम उड़ रहे हैं या बिखर रहे हैं

सुनें 👇 गर्मी बहुत हो रही थी इसलिए शाम होते ही मैं अपने बेटे को लेकर छत पर चला गया। छत पर जाने के बाद बेटा छत पर इधर उधर खेलने लगा और मैं टहलने लगा और इधर उधर देखने लगा। मेरी नजर उड़ते हुए पंछियों के झुण्ड पर पड़ी जो की शाम ढलने के बाद अपने ठिकानों की ओर लौट रहे थे। हालाँकि अब पहले की तरह पंछियों के ज्यादा झुण्ड नहीं दिखते हैं लेकिन फिर भी थोड़े बहुत तो दिख ही जाते हैं।  पंछियों का झुंड  मैंने अपने बेटे को पास बुलाया और उन पंछियों की तरफ इशारा करते हुए कहा की वो देखो पंछियों का झुण्ड वो अपने घरों की तरफ जा रहे हैं उड़ते हुए। बेटे ने कहा की हाँ मुझे पता है की वो पंछी हैं और वो ऐसे ही उड़ते हुए जाते हैं। मैंने कहा "हाँ ,लेकिन आपको पता है की वो ऐसे ही एक साथ क्यों उड़ते हैं और वो उड़ते हुए अलग आकार क्यों बनाते हैं ?"क्योंकि इस तरह से वो हवा काटते हुए आसानी से उड़ सकते हैं। एक अकेला पंछी इतनी आसानी से हवा को काटते हुए बहुत दूर तक नहीं उड़ सकता है। अगर हवा बहुत तेज़ चल गयी तो एक अकेले पंछी का आगे की ओर उड़ना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो जायेगा। इसलिए वो इस तरह से एक साथ उड़ते हैं और अपने घरों क

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वह दिन - एक सच्चा अनुभव

 सुनें 👇 उस दिन मेरे भाई ने दुकान से फ़ोन किया की वह अपना बैग घर में भूल गया है ,जल्दी से वह बैग दुकान पहुँचा दो । मैं उसका बैग लेकर घर से मोटरसाईकल पर दुकान की तरफ निकला। अभी आधी दुरी भी पार नहीं हुआ था की मोटरसाइकल की गति अपने आप धीरे होने लगी और  थोड़ी देर में मोटरसाइकिल बंद हो गयी। मैंने चेक किया तो पाया की मोटरसाइकल का पेट्रोल ख़त्म हो गया है। मैंने सोचा ये कैसे हो गया ! अभी कल तो ज्यादा पेट्रोल था ,किसी ने निकाल लिया क्या ! या फिर किसी ने इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया होगा। मुझे एक बार घर से निकलते समय देख लेना चाहिए था। अब क्या करूँ ? मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है ?  मोटरसाइकिल चलाना  ऐसे समय पर भगवान की याद आ ही जाती है। मैंने भी मन ही मन भगवान को याद किया और कहा हे भगवान कैसे भी ये मोटरसाइकल चालू हो जाये और मैं पेट्रोल पंप तक पहुँच जाऊँ। भगवान से ऐसे प्रार्थना करने के बाद मैंने मोटरसाइकिल को किक मार कर चालू करने की बहुत कोशिश किया लेकिन मोटरसाइकल चालू नहीं हुई। और फिर मैंने ये मान लिया की पेट्रोल ख़त्म हो चूका है मोटरसाइकल ऐसे नहीं चलने वाली।  आखिर मुझे चलना तो है ही क्योंकि पेट

व्यवहारिक जीवन और शिक्षा

सुनें 👇 एक दिन दोपहर को अपने काम से थोड़ा ब्रेक लेकर जब मैं अपनी छत की गैलरी में टहल रहा था और धुप सेंक रहा था। अब क्या है की उस दिन ठंडी ज्यादा महसूस हो रही थी। तभी मेरी नज़र आसमान में उड़ती दो पतंगों पर पड़ी। उन पतंगों को देखकर अच्छा लग रहा था। उन पतंगों को देखकर मैं सोच रहा था ,कभी मैं भी जब बच्चा था और गांव में था तो मैं पतंग उड़ाने का शौकीन था। मैंने बहुत पतंगे उड़ाई हैं कभी खरीदकर तो कभी अख़बार से बनाकर। पता नहीं अब वैसे पतंग  उड़ा पाऊँगा की नहीं। गैलरी में खड़ा होना    पतंगों को उड़ते देखते हुए यही सब सोच रहा था। तभी मेरे किराये में रहने वाली एक महिला आयी हाथ में कुछ लेकर कपडे से ढके हुए और मम्मी के बारे में पूछा तो मैंने बताया नीचे होंगी रसोई में। वो नीचे चली गयी और मैं फिर से उन पतंगों की तरफ देखने लगा। मैंने देखा एक पतंग कट गयी और हवा में आज़ाद कहीं गिरने लगी। अगर अभी मैं बच्चा होता तो वो पतंग लूटने के लिए दौड़ पड़ता। उस कटी हुई पतंग को गिरते हुए देखते हुए मुझे अपने बचपन की वो शाम याद आ गई। हाथ में पतंग  मैं अपने गांव के घर के दो तले पर से पतंग उड़ा रहा था वो भी सिलाई वाली रील से। मैंने प

अनुभव पत्र

सुनें 👉 आज मैं बहुत दिनों बाद अपने ऑफिस गया लगभग एक साल बाद इस उम्मीद में की आज मुझे मेरा एक्सपीरियंस लेटर मिल जाएगा। वैसे मै ऑफिस दोबारा कभी नहीं जाना चाहता 😓लेकिन मजबूरी है 😓क्योंकि एक साल हो गए ऑफिस छोड़े हुए😎।नियम के मुताबिक ऑफिस छोड़ने के 45 दिन के बाद  मेरे ईमेल एकाउंट मे एक्सपीरियंस लेटर आ जाना चाहिए था☝। आखिर जिंदगी के पाँच साल उस ऑफिस में दिए हैं एक्सपीरियंस लेटर तो लेना ही चाहिए। मेरा काम वैसे तो सिर्फ 10 मिनट का है लेकिन देखता हूँ कितना समय लगता है😕।  समय  फिर याद आया कुणाल को तो बताना ही भूल गया😥। हमने तय किया था की एक्सपीरियंस लेटर लेने हम साथ में जायेंगे😇  सोचा चलो कोई बात नहीं ऑफिस पहुँच कर उसको फ़ोन कर दूंगा😑। मैं भी कौन सा ये सोच कर निकला था की ऑफिस जाना है एक्सपीरियंस लेटर लेने।आया तो दूसरे काम से था जो हुआ नहीं सोचा चलो ऑफिस में भी चल के देख लेत्ते हैं😊। आखिर आज नहीं जाऊंगा तो कभी तो जाना ही है इससे अच्छा आज ही चल लेते है👌। गाड़ी में पेट्रोल भी कम है उधर रास्ते में एटीएम भी है पैसे भी निकालने है और वापस आते वक़्त पेट्रोल भी भरा लूंगा👍।  ऑफिस जाना  पैसे निकालने