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जिंदगी के हर मोड़ पर अपने आप को
चुनौतियों से घिरा हुआ पाया है
कभी जीत का परचम लहराया है
तो कभी अपने आप को हारा हुआ और अकेला पाया है
कभी किसी ने साथ दिया तो कभी ठुकराया है
हमेशा अपने आप को असंभावनाओं और उम्मीद के बीच चलते हुए पाया है
आती रहती हैं जिंदगी में कभी खुशियां ,कभी दुःख ,कभी तन्हाईआं ,कभी कामयाबियाँ ,कभी नाकामियां
जिंदगी की डोर पर संतुलन बना कर चलता जा रहा हूँ
कभी गिरा नहीं हूँ कभी खुद को गिरने नहीं दूंगा
ना जाने कितनी बार चुनौतिओं की हवा चली है और इस जिंदगी की डोर पर कितनी बार मेरा पैर डगमगाया है
हर चुनौती का सामना किया है यह ध्यान में रखते हुए अगर गिर गया तो सब ख़त्म है
फिर क्या खोया ,क्या पाया है
ठीक है मैंने कोई आग तो नहीं लगाया है
लेकिन अपने जीवन में उम्मीद का एक दिया हमेशा जलाया है
कई बार पैर डगमगाया है जीवन पथ पर
हर बार हिम्मत रखते हुए संभलकर कदम आगे बढ़ाया है
बुरी बातों से ,बुरे लोगों से ,बुरी आदतों से दूरी बनाया है
अच्छी चीज़ों को समझा है ,जाना है ,परखा है और अपने जीवन में अपनाया है
बहुत ज्यादा सोचकर कुछ फायदा नहीं है
ये तो ऊपरवाला ही जाने उसने ये दुनिया क्यों बनाया है
नौकरी ,पैसा ,कॅरियर ये सब तो एक बहाना है
कुदरत की नियति तो यही है की हमें और आपको एक साथ में आना है
कुछ हुनर आप में है और कुछ हुनर हममें है
कुछ कर गुजरने की तमन्ना आप में है ,कुछ हममें है
एक दूसरे की मदद करके इंसानियत की भावना को आगे बढ़ाना है
चलिए जी लेते है आज में एक दूसरे पर भरोसा करके
नहीं तो क्या नया और क्या पुराना है
बस ये ध्यान रखना है की भरोसा करना है लेकिन तोड़ना नहीं है
किरायदार हैं हम इस दुनिया के एक दिन चले जाना है
कल कोई और था यहाँ पर फिर कल किसी और को आना है
चाहे भगवान हो या इंसान ,अमीर हो या गरीब ,कामयाब हो या नाकामयाब ,सुन्दर हो या ना हो कौन यहाँ हमेशा के लिए आया है
फिर क्यों सोचें की क्या खोया और क्या पाया है
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