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व्यवहार कितनी महत्वपूर्ण चीज़ है हमारे जीवन में की इसे हर किसी को समझना चाहिए। व्यवहार के बारे में सोचता हूँ तो मुझे स्कूल के समय की एक घटना याद आती है। उन दिनों मैं पढाई के साथ साथ स्कूल के और कामों में भी रुचि लेता था जैसे मंच पर समाचार बोलना , आदेश देना ,विचार बोलना ,नाटक में भाग लेना वगैरह वगैरह। इन सब कामों के कारण मैं अपने विद्यालय का जाना पहचाना चेहरा था।
एक बार मैंने मंच पर एक विचार बोला व्यवहार के बारे में। मैं हमेशा की तरह माइक के सामने गया और कुछ इस तरह बोला -"नमस्कार आज का शुभ विचार, व्यवहार धर्म से भी बड़ा होता है। क्योंकि दुनिया के जितने भी काम होते हैं वो लोगों के आपसी व्यवहार पर ही निर्भर करते हैं। अतः व्यवहार धर्म से भी बड़ा है। मेरे इस विचार के बाद हमेशा की तरह तालियाँ तो बजी ही लेकिन एक अध्यापक जो सामाजिक विज्ञान पढ़ाते थे और मेरे कक्षा अध्यापक भी थे और मंच के काम भी देखते थे बड़े प्रभावित हुए।
माइक |
उन्होंने मंच पर आकर तारीफ किया की आज का जो विचार है वो काफी अच्छा है और जीवन में अपनाने वाला है। मैं पीछे मंच पर खड़ा था और ये सब सुनकर मैं अपने बाजू में खड़े विद्यार्थी की तरफ देखकर मुस्कुराया और वो भी मुस्कुराया मेरी तरफ देखकर। अब क्या है ख़ुशी तो होनी ही थी। पूरे विद्यालय के सामने मेरे अच्छे काम की तारीफ जो हो रही थी।
उसके बाद मैं प्रार्थना खत्म होने के बाद अपनी कक्षा की तरफ आ गया और कक्षा का दरवाजा खोलने लगा। तभी एक मीठी सी आवाज सुनाई दी -"राकेश, आज का विचार क्या था ?" मैंने उस तरफ देखा मेरी ही कक्षा की लड़की थी जो पढ़ने में भी काफी अच्छी थी ,दिखने में भी और मेरी ही तरह मंच से जुडी हुई थी। वैसे मैं भी दिखने में काफी अच्छा था और मेरे बात करने का अंदाज सबको पसंद आता था।
मुस्कुराहट |
उस दिन मुख्य कार्यालय के सामने वाले ब्लैक बोर्ड पर भी उस विचार को लिखा गया था। उस दिन विद्यालय में थोड़ी इज़्ज़त तो बढ़ ही गयी थी। दोस्त भी तारीफ कर रहे थे। खैर वो दिन भी बाकी दिनों की तरह गुजर गया।
लेकिन अगर व्यवहार की बात करूँ तो व्यवहार सिर्फ एक शब्द नहीं है, सिर्फ मंच पर विचार के रूप में बोल कर खुश होने वाली चीज़ भी नहीं है। सिर्फ किसी नर या मादा को आकर्षित करने तक सिमित नहीं है। वैसे हवा में और व्यवहार में ये समानता है की हम दोनों को देख नहीं सकते लेकिन वो अच्छे हैं या बुरे महसूस कर सकते हैं।
हवा |
कबीर दासजी ने ठीक ही कहा है की "पोथी पढ़ी पढ़ी जग मुआ ,पंडित भया न कोई ,ढ़ाई अक्षर प्रेम के पढ़ी सो पंडित होय " इसका मतलब ये है की इस दुनिया में एक से एक पढ़ने वाले ,नयी चीज़ें खोजने वाले ,नयी चीज़ें बनाने वाले लोग हुए। वे इस दुनिया में आये और चले गए लेकिन सही मायने में ज़िन्दगी वही लोग जीते हैं जो अपने काम के साथ साथ व्यवहार करना जानते हैं। मुश्किलें उनके जीवन में भी आती हैं लेकिन उनका नजरिया अलग होता है क्योंकि वे काम के साथ साथ व्यवहार करना भी जानते हैं। उन्हें ये समझ रहती है की जब कोई समस्या आये तब हमें कैसा व्यवहार करना चाहिए और कैसा नहीं। लोगों के साथ कब और कैसा व्यवहार करना चाहिए और कैसा नहीं करना चाहिए।
अच्छा व्यवहार |
अगर व्यवहार अच्छा हो तो कई लोग एक छोटे से घर में भी अच्छे से जीवन बिता सकते हैं और अगर व्यवहार अच्छा न हो तो एक बड़े से आलीशान घर में जिसमें सारी सुविधाएँ हों उसमें दो लोग भी सही से नहीं जी सकते।
मैंने अपने जीवन में ऐसे लोग भी देखे हैं जो अपने अपने कामों में माहिर थे ,बहुत कामयाब भी थे लेकिन किसी के साथ उनका व्यवहार अच्छा नहीं था ज्यादातर वो उनके साथ ही अच्छा व्यवहार करते थे जिनसे उनको अपने काम में फायदा था यानि की दिखावट वाला व्यवहार जिससे उन्हें पैसों का या फिर कारोबार में फायदा हो जिसके कारण वो लोग भी अपने जीवन में खुश नहीं थे कामयाब होने के बावजूद भी।
उन लोगों को अंतिम विदाई देने के बाद और अभी भी उनको याद करने के बाद मुझे ये विचार जरूर आता है की अगर एक दिन ऐसे ही मरना है तो क्यों न मरने से पहले अच्छे से जी लिया जाये। उन सबका डर ,कामयाबी ,अहंकार ,धन ,सम्पति सब धरा रह गया। लोग उनके जीने के दौरान भी दुखी थे और मरने के बाद भी दुखी थे और रो भी रहे थे। जीना और मरना हमारे हाथ में नहीं है लेकिन जब तक जी रहे हैं तब तक हम अच्छे से जी सकते हैं। हम सबके साथ अच्छे से व्यवहार कर सकते हैं और खुद भी खुश रह सकते हैं और दूसरों को भी खुश रहने दे सकते हैं।
प्यार और अपनापन |
व्यवहार - हम किसी भी हालत में किसी के सामने कैसा बर्ताव करते हैं व्यवहार कहलाता है। हमारा हाव-भाव,बोलने का तरीका खुद के लिए या दूसरों के सामने कैसा है व्यवहार कहलाता है। ये भी कह सकते हैं की हम अपने हालात और मूड के अनुसार जैसे की गुस्से में या खुशी में दूसरों से कैसा बर्ताव करते हैं व्यवहार कहलाता है। व्यवहार हर कोई करता है चाहे वो इंसान हो ,जानवर हो ,मशीन हो या कोई चीज़ हो।
व्यवहार की अंग्रेजी में दो स्पेलिंग है "behaviour" और "behavior".
ब्रिटिश अंग्रेजी में "behaviour" और अमेरिकी अंग्रेजी में "behavior" होता है।
व्यवहार के उदाहरण -
वह अपने अच्छे व्यवहार के लिए जाना जाता है।
वो जल्दी चिढ़ जाती है इसलिए लोग उससे बात करने में डरते हैं।
उसके साथ बैठने में और बात करने में मज़ा आता है।
काम पूरा न होने के कारण अध्यापक को उसपर गुस्सा आया और अध्यापक ने उसे बहुत डांटा।
ऑफिस देर से पहुँचने कारण बॉस ने उसे अपने केबिन में बुलाया और उससे बात किया।
उसके घर में सब आपस में लड़ते रहते हैं।
कुछ देर तक उसका मजाक अच्छा लग रहा था बाद में बहुत परेशानी होने लगी ऐसा लग रहा था ये मैं किसके साथ बैठ गया हूँ।
उन लोगों ने गलत व्यवहार किया इसलिए उन्हें बरखास्त कर दिया गया।
एक नेता को सब के साथ हमेशा अच्छा और समानता का व्यवहार करना चाहिए। किसी के साथ पक्षपात नहीं करना चाहिए।
रोटी दिखाने पर वो कुत्ता पूंछ हिलाते हुए मेरे पास आया।
आजकल मौसम कुछ ठीक नहीं है। कल सर्दी लग रही थी और आज बहुत गर्मी है।
मेरा स्मार्टफोन बार बार बंद हो जाता है।
इस मशीन से आजकल बहुत आवाज आती है।
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