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Showing posts from June, 2024

सॉफ्ट स्किल्स क्या हैं और हमारे जीवन में उनका होना क्यों जरुरी है

सुनें 👇 सॉफ्ट स्किल्स क्या हैं और हमारे जीवन में उनका होना क्यों जरुरी है  - सबसे पहले यह समझना जरुरी है की  स्किल क्या होता है  ?  स्किल  यानि की  हुनर । दोस्तों इसका मतलब ये होता है की काम कैसा भी हो,कितना भी कठिन क्यों न हो उस काम को करना या उस पर नियंत्रण करने में  महारत  हासिल करने को ही स्किल कहते हैं। आप ये वीडियो भी देख सकते हैं 👇 सॉफ्ट स्किल्स क्या हैं और हमारे जीवन में उनका होना क्यों जरुरी है दोस्तों  स्किल सिखने की प्रक्रिया  हमारे जीवन के शुरुवात से ही जुडी रहती है और जीवन के साथ चलती रहती है। इसको समझने के लिए हम अपने व्यक्तिगत जीवन से ही उदाहरण ले सकते हैं जैसे जब हम बच्चे होते हैं। तब हम अपने हाथ पाँव पर काबू रखना सीखते हैं,उसके बाद धीरे धीरे चलना सीखते हैं। जब हम और बड़े होते हैं तो पेंसिल पकड़ने से लेकर उससे लिखने तक का हुनर सीखते हैं। साइकिल को सँभालने से लेकर चलाने तक का हुनर सीखते हैं। और सिखने की ये प्रक्रिया जिंदगी भर चलती रहती है। हम जैसे जैसे स्किल सीखते रहते हैं वैसे वैसे हम जीवन में नयापन महसूस करते रहते हैं और...

रविवार

सुनें 👇 आज के रविवार  याद आ रहा है वो बचपन का रविवार  वो रविवार की सुबह, बाकी सुबहों से ताज़ी और अच्छी लगती थी  सुबह के वो रंगोली के गाने  थोड़ी देर नहाने धोने के बाद  नौ बजे के वो दूरदर्शन के कार्यक्रम  कभी चड्ढी वाला मोगली  कभी चंद्र कांता की कहानी  तो कभी रामानंद सागर वाला कृष्ण की लीलाएं  कभी शक्तिमान की शक्तियाँ  कभी कैप्टन व्योम तो कभी दस नम्बरी की रहस्यमय दुनियाँ  वो सिगनल ना आने पर छत पर चढ़कर एंटीना घुमाना  दोस्तों के साथ बाहर जाकर खेतों में खेलना  खेतों के तरफ बहते हुए पानी को पगडंडियों के बगल वाली नाली से जाते हुए निहारना  कभी पालतू जानवरों के साथ खेलना  कभी साथ में बैठकर मिटटी के खिलौने बनाना  वो सुकून भरी दोपहर में घर लौटना  खाना खाकर कभी लूडो खेलना तो कभी अंताक्षरी खेलना  कभी कहानियों की किताबें पढ़ना  कभी सपनों की दुनिया की हलकी सी झपकी  शाम की वो चहल पहल वो खेलों का जादू  कभी क्रिकेट तो कभी फूटबाल  कभी छुप्पन छुपाई कभी पकड़म पकड़ाई तो कभी पिट्ठू  कभी मैदान में कभ...

चलो प्यार की बारिश करते हैं

सुनें 👇 सुख गए है पेड़ नफरत की धुप में  अब बहुत हो गया है  चलो प्यार की बारिश करते हैं  अपनापन के फूल खिलाते हैं  उजड़े हुए इस बगीचे को चलो फिर से हरा भरा बनाते हैं  कोई आंधी ना तबाह कर दे इस गुलशन को  चलो फिर से इसे जड़ों से मजबूत बनाते हैं  मैंने क्या दिया ,तुमने क्या दिया  मैंने क्या किया ,तुमने क्या किया  मैं ऐसा हूँ, तुम वैसे हो  इसी नासमझी में ना जाने कितना समय गवाँ दिया  बीत सकता था वो समय अपनापन और खुशहाली में जो हमने नफरत और बदहाली में गवाँ दिया  समय ने भी एक दिन अपना फैसला सुना दिया  टूट गयी कुछ डालियाँ समय की आँधी में एक एक करके और जड़ों को भी हिला दिया  चलो भूल जाते हैं एक दूसरे की गलतियों और कमियों को बिलकुल वैसे ही जैसे हमने एक दूसरे के एहसानों ,अपनेपन और मिलकर गुज़ारे हुए अच्छे दिनों को भुला दिया  बहुत हो चुकी हैं दूरियाँ  चलो अब नज़दीकियाँ बढ़ाते हैं  थोड़ा करीब तुम आओ और थोड़ा करीब हम भी आते हैं  चलो फिर से शुरु वात करते हैं  हो गयी हैं गलतियाँ, कुछ हमसे ,कुछ तुमसे  अब इन्हें जान...

जरूरी है

  सुनें 👇 अगर मानते हो ज़िन्दगी को सही से जीना जरूरी है   तो हमें मूलभूत आदतों को समझना और अपनाना जरूरी है   रात को जल्दी सोना जरूरी है  सुबह को जल्दी उठना जरूरी है  हो सके तो थोड़ा पसीना बहाना जरूरी है  स्वस्थ रहना ,खुश रहना ,मस्त रहना जरूरी है  अच्छी आदतों के लिए खुद पर सख्त रहना जरूरी है  छोटा हो या बड़ा हो सबकी इज़्ज़त करना जरूरी है  सबके साथ प्यार से लेकिन बिना डरे रहना जरूरी है  मुश्किलों से लड़ना जरूरी है  कोई तुम्हारा बार बार दिल दुखाये  इतना जुल्म ना सहना जरूरी है  सही के लिए लड़ना जरूरी है  सही को सही और गलत को गलत बिना डरे कहना जरूरी है  जीतने पर ज्यादा ना उड़ना और हारने पर सबक समझना जरूरी है  अपने हार से कुछ नया सीखना और कोशिश पहले से भी ज्यादा और अच्छा करना जरूरी है  खुद भी हँसना और औरों को भी हँसाना जरूरी है  जिंदगी है अनमोल इसे उदासियों में जाया नहीं करना है  ना जाने कब ख़त्म हो जाये ये सफर  इसे खुलकर जीना और खुशी से बिताना जरूरी है  किसी से दोस्ती ना सही, किसी ...

टिकट का जुर्माना

सुनें 👇 आप इस लेख को पढ़ने के बाद समझेंगे की कैसे मैं एक टिकट के कारण परेशानी में फंस गया। कैसे मैंने उस मुसीबत का सामना किया। जो भी हुआ उससे मुझे कुछ सबक मिला जो की सबके लिए फायदेमंद है।  वो गर्मी के दिन थे। शाम के चार बजे होंगे लेकिन धूप बहुत तेज़ थी। उन दिनों मुझे प्रतियोगी  परीक्षाओं  की तैयारी करने का बहुत शौक था  इसलिए उन दिनों मैं कालेज की सारी क्लासें ख़त्म होने के बाद भी लाइब्रेरी में देर तक रुकता था और अलग अलग किताबें देखता और पढ़ता रहता था।  उस दिन भी मैं सुबह से ही घर से बाहर निकला था और अब शाम हो गयी थी। सोचा अब चलता हूँ बहुत देर हो गयी है। सुबह जल्दी उठने के कारण मुझे नींद भी आ रही थी और घर जाकर शाम को कसरत भी करना था। मैं कॉलेज से पास के बस स्टॉप की तरफ निकल पड़ा।  लेकिन उस दिन बस निकल गयी थी शायद। इसलिए मैं वहाँ  से लगभग ढाई किलोमीटर दूर दूसरे बस स्टॉप पर गया। थोड़ा इंतज़ार के बाद बस मिल गयी और बैठने के लिए सीट भी मिल गयी। सीट पर बैठते ही मेरी सोने की इच्छा और बढ़ गयी सोचा जब तक मेरा स्टॉप आएगा तब तक थोड़ी झपकी ले लूंगा। मैंने टिकट के लिए पांच ...

पेन की तलाश

सुनें 👇 वो रविवार का दिन था और बाहर नाश्ता करना था क्योंकि रविवार के दिन होस्टल के मेस में खाना नहीं मिलता था। मैंने सोचा चलो आज थोड़ा बाहर घूमना भी हो जायेगा और एक पेन भी खरीदना है वो भी खरीद लूंगा। वैसे मुझे उस शहर में आये लगभग दो महीने ही हुए होंगे और काम की वजह से मैं अपने रूम से ज्यादा बाहर नहीं निकल पाता था। वैसे तो मेरा ज्यादातर काम लैपटॉप पर सर्च और टाइपिंग का ही होता है लेकिन मुझे शुरू से ही पेन से लिखने की आदत भी है। इसलिए उस दिन नयी पेन खरीदने की जरूरत भी पड़ गयी। सोचा चलो नाश्ता करने का साथ साथ पेन भी खरीद लूँगा और थोड़ा घूम भी लूंगा।  मैं सुबह ही अपने रूम में ताला लगाकर निकल पड़ा। मुहल्ले की गली से गुजरते समय मैंने एक कुत्ते को रोते हुए देखा और बुरा महसूस किया और मन ही मन भगवान से ये कहा की हे भगवान ये कैसी दुनिया है आपकी उसके लिए कुछ अच्छा कीजिये। शायद वो भूख से रो रहा था। वैसे मैं भी तो अपना पेट पालने के लिए ही कुछ समय से इस शहर में भटक रहा हूँ। बाकि सब भगवान पर छोड़ देते हैं और आगे अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। एक जगह नाश्ता करने के बाद मैं पास के ही स्टेशनरी की दु...

क्या खोया है, क्या पाया है

सुनें 👇 कभी खोया ,कभी पाया है  जिंदगी के हर मोड़ पर अपने आप को  चुनौतियों से घिरा हुआ पाया है  कभी जीत का परचम लहराया है  तो कभी अपने आप को हारा हुआ और अकेला पाया है कभी किसी ने साथ दिया तो कभी ठुकराया है  हमेशा अपने आप को असंभावनाओं और उम्मीद के बीच चलते हुए पाया है  आती रहती हैं जिंदगी में कभी खुशियां ,कभी दुःख ,कभी तन्हाईआं ,कभी कामयाबियाँ ,कभी नाकामियां  जिंदगी की डोर पर संतुलन बना कर चलता जा रहा हूँ  कभी गिरा नहीं हूँ कभी खुद को गिरने नहीं दूंगा  ना जाने कितनी बार चुनौतिओं की हवा चली है और इस जिंदगी की डोर पर कितनी बार मेरा पैर डगमगाया है  हर चुनौती का सामना किया है यह ध्यान में रखते हुए अगर गिर गया तो सब ख़त्म है  फिर क्या खोया ,क्या पाया है  ठीक है मैंने कोई आग तो नहीं लगाया है  लेकिन अपने जीवन में उम्मीद का एक दिया हमेशा जलाया है  कई बार पैर डगमगाया है जीवन पथ पर  हर बार हिम्मत रखते हुए संभलकर कदम आगे बढ़ाया है  बुरी बातों से ,बुरे लोगों से ,बुरी आदतों से दूरी बनाया है  अच्छी चीज़ों को समझा है...

मैं गुजरा हुआ कल हूँ

सुनें👇 पुराने दिनों को याद करते करते जो बिछड़ गए हैं साथ चलते चलते  उनसे दुबारा उसी तरह मिलने की फरियाद करते करते  मुझे ये भी एहसास हुआ की   मैं भी किसी के लिए गुजरा हुआ कल हूँ, आज नहीं बन सकता  यादों में आकर अपने होने का एहसास दिला सकता हूँ  लेकिन वर्तमान में साथ नहीं चल सकता  मिल सकता हूँ अपने हालात से लड़ते हुए दुबारा  रुक सकता हूँ पल दो पल और दे सकता हूँ जरुरत पड़ने पर साथ तुम्हारा  लेकिन ये भी सही है की मैं गुजरा हुआ कल हूँ ,आज नहीं बन सकता  आप ये वीडियो भी देख सकते हैं 👇 मैं गुजरा हुआ कल हूँ तुम मुझे कितना भी यादों में बसालो ,दिल से अपनालो या फिर भुला दो  कभी ना कभी याद आता रहूँगा लेकिन यही कहूँगा मैं कितना भी याद आऊँ यादों में मुझे रखते हुए कदम आगे बढ़ा दो  क्योकि ये मज़बूरी ही सही, बिना कदम आगे बढ़ाये जीवन नहीं चल सकता  मैं गुजरा हुआ कल हूँ ,आज नहीं बन सकता    पुराने दिनों की यादें आती रही दिलों पर छाती रही आज की दुनियां से हमें अलग हटाती रही  उन यादों को याद करते करते न जाने कितने आज गुजर गए  ...

व्यवहारिक जीवन में आत्मविश्वास को समझें ,अपनाएं और जीवन में सफलता पाएं

सुनें 👇 स्कूल के दिनों के बात है। एक दिन ब्रेक खत्म होने के बाद हमारे एक सर बहुत ही गुस्से में क्लास में आये और सबको डाटने लगे की मना करने के बावजूद भी ग्राउंड के बाहर जाकर बेर किसने तोड़े हैं। कई लोग एक लड़की की तरफ देखने लगे और सर को ये इशारा मिल गया की इसने ही तोड़ा होगा। सर उस लड़की को डाँटने लगे। शुरू में तो वो लड़की मना करती रही की मैंने बेर नहीं तोड़ा है लेकिन जब सर का डाँटना बंद नहीं हुआ तो उसने बड़े ही   आत्मविश्वास  से अपना बैग सर के सामने टेबल पर रख दिया और बिना डरे बड़े ही आत्मविश्वास के साथ बोलने लगी की अगर मैंने बेर तोड़े हैं तो इस बैग में ही होंगे जिसको शक है वो इस बैग में देख ले। उसके ऐसा करते ही सर शांत हो गए और समझाने लगे की मैं सिर्फ तुमको ही नहीं बोल रहा था। सभी को बोल रहा था। जो भी अब ग्राउंड के बाहर बेर तोड़ने जायेगा उसकी खैर नहीं इसलिए जो कोई भी था अभी से सुधर जाओ। बाद में पता चला की बेर उस लड़की ने ही तोड़े थे। वो बेर उसके बैग में ही थे। लेकिन उसने इतने आत्मविश्वास से वो बैग सामने रखा और झूठ बोला की किसी के अंदर उसको गलत साबित करने की हिम्मत ही नहीं हुई और हमारे स...

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वो मुझे ही ढूढ़ रही थी

सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक  मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में  कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...

My first WhatsApp group

Due to not changing according to the changing times in life, due to the confusion and running of today's life, sometimes something happens to us that we are ashamed to remember it and there is a lot of laughter too. A similar incident has happened to me too, remembering which I feel ashamed and also laugh. This incident is from 2017 when I used to work in an office. I have used the same words and styles which we use in our daily routine, due to which some styles of speaking words of Hindi have been used in English translation so that I can make you feel as much as I was feeling. group of two people It was almost half an hour since my office shift started that  afternoon I was discussing something with my new group leader Sagar. Then my old group leader Harish came towards me. And told me- "Rakesh I forbade you to request leave on WhatsApp group. If it is very urgent then message me personally on WhatsApp". Harish who was my old group leader and now may have been shifted t...