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क्या जिम जाना जरूरी है?

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जो लोग सेहत के प्रति सजग हैं और अच्छी बॉडी बनाना चाहते हैं उनके मन में एक बार ये बात जरूर आती होगी की क्या बॉडी सिर्फ जिम में ही बनाई जा सकती है ?

क्या जिम जाना जरूरी है?
कसरत 

आपने कई लोगों से सुना होगा खासकर अपने फ्रेंड सर्कल में सेहत को लेकर बात करते हुए। मैं जिम तो जाना चाहता हूँ लेकिन क्या करूँ जिम जाने का समय नहीं मिलता। सुबह मेरी आँख नहीं खुलती। और इसके बाद ये बात जरूर होती है की अगर जिम नहीं जा सकते तो घर पर कसरत कर लिया करो। तो इसका जवाब होता है की घर में वो बात नहीं होती जो जिम में होती है जैसे वहां बहुत सारे इक्विपमेंट होते हैं,ट्रेनर होता है ,और लोगों को कसरत करते हुए देखकर हमको भी कसरत करने का मन होता है या यूँ कहें वहां ऐसा एनवायरनमेंट होता है की कसरत करने का मन करे।

क्या जिम जाना जरूरी है?
व्यायाम उपकरण

तो इन सबका जवाब ये है की अगर आपके अंदर कसरत करने की और बॉडी बनाने की मजबूत इच्छाशक्ति है तो आप जिम हो या घर कहीं भी कसरत करके अच्छी बॉडी बना सकते हैं। 

इच्छाशक्ति तो ठीक है लेकिन जिम जैसे इक्विपमेंट घर कैसे ला सकते हैं ? मान लो जिनका घर बड़ा है और जो इन्हे खरीद सकते हैं उनका तो ठीक है। लेकिन उनका क्या जो कम जगहों में रहते हैं ? जिम जैसे इक्विपमेंट नहीं खरीद सकते हैं ?जिनके घर में लोग ज्यादा हों और काफी डिस्टर्बेंस हो, वो क्या करें ? 

क्या जिम जाना जरूरी है?
क्या करें

सबसे पहली बात तो ये है की हर समस्या का समाधान होता है। कुछ का हल जल्दी निकल जाता है तो कुछ का हल निकलने में समय लगता है ,लेकिन हल जरूर निकलता है। 

अगर हम कसरत से सम्बंधित समस्याओं की बात करें तो आज के समय में आम लोगों के लिए सबसे अच्छी और सकारात्मक बात जो मुझे लगती है वो ये है की इंटरनेट के माध्यम से आदमी अपनी रोजमर्रा की समस्याओं के उपाय के बारे में काफी कुछ जान सकता है और अपनी इच्छाशक्ति और तर्कशक्ति से उसका हल भी ढूढ़ सकता है। इसी तरह से इंटरनेट के माध्यम से हमें यह जानकारी मिल सकती है की कौन सा कसरत कब करना है ? कैसे करना है ? इक्विपमेंट नहीं है तो बिना इक्विपमेंट के कसरत कैसे कर सकते हैं ? अगर समय कम हो तो कम समय में कौन से कसरत किये जा सकते हैं ? अगर कम जगह की समस्या है तो जगह के हिसाब से कौन-कौन से कसरत किये जा सकते हैं ? परिस्तिथि के अनुसार कसरत करने का टाइम टेबल कैसे एडजस्ट किया जा सकता है ? इत्यादि। 

क्या जिम जाना जरूरी है?
प्रेरणा

यानि आप एक्सरसाइज कहीं भी कर सकते हैं चाहे घर हो या जिम। बस आपके अंदर कसरत करने की इच्छाशक्ति होनी चाहिए।  

पूरे शरीर की कसरतें जो कम समय में हो ,बिना इक्विपमेंट के हों और कहीं भी की जा सकें - आज के समय में हर कोई अपने काम में व्यस्त रहता है इसलिए कसरत के लिए समय निकालना मुश्किल होता है। और अगर समय निकाल भी लिया तो उसे लागातार जारी रखना मुश्किल लगता है। 

कई बार लोग किसी से प्रभावित होकर ये तय तो कर लेते हैं और कसरत करना शुरू भी कर देते हैं अब चाहे वो कहीं जिम ज्वाइन करना हो या घर में ही कसरत करना हो।

लेकिन ये जोश या तो कुछ दिनों तक रहता है या फिर कुछ ऐसे हालात हो जाते हैं जैसे किसी दिन कुछ ज्यादा काम आ गया और उस काम को निपटाने के बाद आपको ज्यादा थकान महसूस हो और कसरत करने का मन न करे। कुछ दिन या फिर कुछ महीनों के बाद आपको लगने लगे की क्या रोज रोज कसरत में इतना समय देना।

कभी कभी ऐसा भी होता है की आप बहुत ही लगन से कसरत कर रहे हैं और आपके साथ ऐसा कुछ हो गया जैसे आपकी तबियत ख़राब हो जाये और कुछ दिनों के बाद जब आप ठीक हो जाएँ तो आप को लगने लगे की अब क्या कसरत शुरू करूँ फिर से शुरुवात करना पड़ेगा और इस बार उतना कसरत कर पाउँगा की नहीं जितना पहले कर रहा था। 

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए और अपने अनुभवों के आधार पर मैंने कुछ कसरतों के बारे में जाना है और खुद भी करता हूँ जिनके बारे में मैं यहाँ बताना चाहूंगा।

जंपिंग जैक - जंपिंग जैक एक तेजी से करने वाली कसरत है। इस कसरत को आप खेल समझ कर या डांस का कोई फॉर्म समझ कर आनंद लेते हुए कर सकते हैं। इसे कम जगह में भी खड़े होने के बाद सही से किया जा सकता है। यह बहुत ही आसान कसरत है। 

जंपिंग जैक करने के फायदे -

१. रोज इसका अभ्यास करने से नींद ना आने की समस्या में राहत मिल सकता है। 

२. यह कसरत लगभग शरीर के सभी अंगो को फायदा पहुँचाता है। 

३. यह कसरत करने से पैरों की मांसपेशियाँ ,पेट की माँसपेशियों ,हाथों की माँसपेशियों को फायदा पहुँचता है। इस कसरत को रोज करने से वार्मअप भी होता है और फैट कम होने में भी मदद मिलती है। 

४. इस कसरत को नियमित रूप से करते रहने से शरीर की मांसपेशियाँ और हड्डियाँ मजबूत होती रहती हैं। 

५. इससे पूरे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है। ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है। दिल का दौरा पड़ने का जोखम कम होता है। 

जंपिंग जैक करने का तरीका 

१. सीधा खड़े हो जाएं.

२.अपनी बाजुओं को अपनी साइड में रखें.

३. कूदें और अपने पैरों को फैलाएं.

४. अपने पैरों को कूदते हुए फ़ैलाने के साथ साथ अपने हाथों को अपने सिर के ऊपर ले जाते हुए मिलाएं.

५. फिर से कूदें और अपने पैरों को पुरानी अवस्था यानि की अपने पैरों को एक साथ लाएं और अपनी बाजुओं को नीचे ले आएं.

६. अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं.

७.आप इसे फिर से दोहराएं.

जंप स्क्वाट -जंप स्क्वाट एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिससे पैर, कूल्हे, हाथ और मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं। जंप स्क्वाट से कार्डियो और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी एक साथ हो जाती है। इसे पूरे शरीर के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है। जंप स्क्वाट एक्सरसाइज को जांघों के सामने के हिस्से, हैमस्ट्रिंग, कूल्हों को ध्यान में रखकर  किया जाता है। यह कसरत वजन कम करने के लिए बेहतर मानी जाती है। जंप स्क्वाट की खास बात ये है कि इसको नियमित तौर पर करने के लिए आपको ज्यादा जगह और किसी खास या अन्य उपकरण आवश्यकता नहीं होती है। इसे आप आसानी से घर पर ही कर सकते हैं।

जंप स्क्वाट करने के फायदे -

१. रोज जंप स्क्वाट करने से हार्ट और फेफड़ों को आराम मिलता है। 

२. इसको रोज करने से वजन कम  करने में मदद मिलती है। 

३. इससे मांसपेशियों का निर्माण होता है और मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं । 

४. यह बट, पैरों और एब्स को टोन करने में मदद करता है।

५. हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक माना जाता है।

६. इसको करने से पीठ और कमर से संबंधित परेशानियों से राहत मिलती है।

७. इसको करने से एरोबिक और कार्डियोवैस्कुलर दोनों तरह की कसरतें होती हैं ।

जंप स्क्वाट करने का तरीका -एक सामान्य कसरत के मुकाबले जंप स्क्वाट को करना थोड़ा मुश्किल होता है। इसलिए इस कसरत को करते समय सावधानी और कुछ बातों को ध्यान में रखने की जरुरत होती है। 

१. जंप स्क्वाट करने के लिए सबसे पहले पैरों को अच्छी तरह वार्म-अप कर लें। 

२. इसके बाद पैरों को बराबर दूरी पर फैलाएं। पैरों को उतना ही फैलाएं जितना 

 की आप आसानी से खड़े हो पाएं। 

३. अब पैर के पंजों को 30 डिग्री बाहर की ओर लेकर आए।

४. पेट की मांसपेशियों को कसते हुए शरीर को ऐसे झुकाएं जैसे की आपका शरीर   कुर्सी के शेप में बन रहा हो।

५. जांघों को जमीन के बराबर या पैरलल लाकर कुछ देर इसी मुद्रा में बनें रहे।

६. जंप स्क्वाट को करते वक्त ध्यान रहे कि अगर आप पहली बार जंप स्क्वाट कसरत कर रहे हैं तो एक बार 2 से 3 सेट ही लगाने की कोशिश करें। या फिर शुरवात में कम करें लेकिन सही तरीके से करें और बाद में इसे आप अपने सामर्थ्य अनुसार बढ़ा भी सकते हैं। 

सपाटा -इस कसरत को हिन्दू पुश अप भी कहा जाता है। हिंदू पुशअप पुशअप का एक प्रकार है जिसे पारंपरिक भारतीय पहलवानों और भारतीय मार्शल आर्ट शैली में इससे होने वाले फायदे और उन फायदों के कारण इस कसरत को बहुत लोकप्रियता मिली जिसके कारण इस कसरत को हिन्दू पुशअप नाम मिला है ।सदियों से भारतीय पारंपरिक पहलवान अपने ऊपरी शरीर को मजबूत करने के लिए हिंदू पुशअप्स कर रहे हैं। महान फाइटर और अभिनेता ब्रूस ली और महान पहलवान जिन्हे "द ग्रेट गामा" के नाम से जाना जाता है ने भी अपने कसरतों में इस कसरत को खास महत्व दिए थे।  

हिंदू पुशअप के लाभ -

ये हिंदू पुशअप्स अपने अनोखे गुणों और फायदों के कारण से मुझे बहुत पसंद हैं और मैं इसका निरंतर अभ्यास करता रहता हूँ । पुशअप की यह शैली जोड़ों को स्थिर और मजबूत करती है, किसी भी अलग तरह के पुशअप करने के मुकाबले में अधिक मांसपेशियों पर काम करती है और इसीलिए इस कसरत को सदियों से शक्ति प्रशिक्षण में शामिल किया गया है।

1. लचीलेपन में सुधार करता है - दोस्तों योग का अभ्यास करने से शरीर में  लचीलापन आता है, इस एक ही कसरत में दो तरह के योग आसनों का इस्तेमाल होता है  एक है ऊपर की ओर मुंह करने वाले कुत्ते की स्थिति और दूसरा है नीचे की ओर कुत्ते की स्थिति दोनों का अभ्यास करने से आपकी रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में बहुत ही अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। अगर शरीर में लचीलापन हो तो इससे आपको किसी भी तरह की चोट लगने की संभावना कम होगी।

2.इस कसरत को करते रहने से शरीर की और भी कसरत करने और अन्य काम करने के क्षमता में निरंतर विकास होता रहता है।  

3.यह आजकल के जीवनशैली के कारण हुई शारीरिक और मानसिक परेशानीओं को ठीक करने में सहायक हो सकता है। जैसे की देर तक एक ही पोजीशन में बैठे रहे के कारण शरीर का पोस्चर ठीक करने में यह सहायक है। क्योंकि यह कसरत काम जगह में और थोड़ा कोशिश करने के बाद सीखा जा सकता है इसलिए इस कसरत को करते करते आपको बोर लगने की बहुत कम सम्भावना है और समय बीतने के साथ साथ आपको ये कसरत काफी दिलचस्प लगने लगेगी और इसका आपके शरीर और दिमाग पर सकारात्मक असर भी दिखने लग जायेगा। 

4.इस कसरत को नियमित रूप से करते रहने से आपका शरीर आकर्षक भी बनेगा ,शरीर में ताक़त भी आएगी ,शरीर फुर्तीला भी होगा। और ऐसा शरीर सिर्फ पहलवानों के लिए ही नहीं बल्कि उन सभी के लिए महत्व रखता है जो अपने अपने काम के क्षेत्रों में कामयाब होना चाहते है और अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं। 

हिन्दू पुश अप कैसे करना है -

1. इस कसरत की शुरुवात नीचे की ओर कुत्ते की मुद्रा में करें, अपने हाथों को कंधे-चौड़ाई के अलावा, अपने पूरे शरीर को वी आकार में लाएं , और अपने पैरों को और  हिप को चौड़ा करते हुए अलग करें।

2. अपनी कोहनी मोड़ें और अपनी छाती को तब तक नीचे करें जब तक कि यह फर्श के ठीक ऊपर न हो, यह प्रक्रिया प्लैंक मुद्रा में जाते हुए करना हैं।

3. अपनी बाहों को सीधा करते हुए अपने सर और धड़ को उठाते हुए और ऊपर की ओर करें और ऊपर देखते कुत्ते की मुद्रा में जाएं।

4. अपने सर और  धड़ को नीचे करते हुए अपने कूल्हों को ऊपर उठाएं और नीचे की ओर देखते हुए कुत्ते की मुद्रा में लौट आएं।

5. अपने सामर्थ्य के अनुसार सेट पूरा होने तक दोहराएं।

हनुमान दंड- इस कसरत का नाम एक हिन्दू देवता हनुमानजी के नाम पर रखा गया है और माना  जाता है की इस कसरत को करते रहने से हमारा शरीर भी हनुमानजी की तरह बलशाली और स्वस्थ बन सकता है। यह भी एक तरह का सपाटा ही है और इसको करके आपको वो सारे फायदे मिल सकते हैं जो ऊपर के कसरतों के बारे में बताये गए हैं। 

हनुमान दंड कैसे करना है -

१.पहले प्लैंक पोजीशन या फिर ये भी कह सकते हैं की हाथ और पैरों के पंजों को जमीन से लगाते हुए पूरे शरीर को जमीन के सामानांतर रखें। 

२. दाहिने पैर को हांथों के पंजों के पास ले जाएँ ,पैर घुटने से मुड़ा होना चाहिए। 

३. डिप्स लगायें और दूसरी हाथ के पंजे और पैरों के लिए भी ये प्रक्रिया दोहराएँ। 

४. अपने सामर्थ्य के अनुसार जितना हो सके उतना ज्यादा करते रहें। 

इसको कसरत को करने के और भी प्रकार हो सकते हैं। मैंने यहाँ उसी प्रकार का जिक्र किया है जो मैंने किया हुआ है।  

प्लैंक - यह कसरत भी ऐसी कसरत है जो लगभग पूरे शरीर को मजबूत बनाती है और शरीर को संतुलित और शेप में रखती है। पेट की चर्बी कम करने के लिए भी इस कसरत को बहुत ही उचित माना जाता है। ये आपकी कोर मसल्स को मजबूत बनाने में  सिट-अप्स और क्रंच एक्सरसाइज से भी ज्यादा फायदेमंद है। इसे करते हुए कोर एरिया की लगभग सभी जरूरी मांसपेशियों पर बहुत अच्छा असर पड़ता है।

प्लैंक कैसे करना है -

१. पेट के बल लेट जाएं।

२. अपनी कोहनियों को कंधे के नीचे रखने के बाद  पूरे शरीर को सीधे ऊपर की ओर उठाएं।

३. पूरे शरीर को कोहनियों के बल उठाते समय ये ध्यान दें की अपने कमर और कूल्हों को न तो बहुत ऊपर उठाना है और ना ही बहुत नीचे उठाना है यानि की बराबर रखना है। 

४. उसके बाद अपने पेट को सिकोड़ते हुए इस अवस्था में जितनी देर तक रहने की आपकी क्षमता है उतनी देर तक रहें। हर बार कोशिश करें पहले से थोड़ा ज्यादा इस अवस्था में रहने की। 

और ऐसे बहुत से कसरत कर सकते हैं जो आपका समय भी ज्यादा नहीं लेंगे ,ज्यादा जगह की भी जरुरत नहीं होगी ,पैसे तो इनमें लगने ही नहीं है। आप अपने इंटरनेट के रिचार्ज पर ही सर्च कर के वीडियो देख सकते हैं और अगर एक बार आप उन कसरतों को सीख लेते हैं तो वो आपको पूरा जीवन काम आते हैं। 

लेकिन ध्यान रहे की आपको कसरत करने से पहले अच्छी तरह वार्मअप कर लेना चाहिए। कसरत के बाद भी कुछ करने वाली स्ट्रेचिंग एक्सरसाइजेज होती हैं जिनसे आपकी मांसपेशियों को रिलैक्स मिलता है उन्हें भी आपको करना चाहिए। 

आपको लगातार दो दिन फुल बॉडी एक्सरसाइज नहीं करनी है। आपको एक दिन का गैप रखना है। जैसे अगर आप आज एक्सरसाइज कर रहे है तो कल एक्सरसाइज न करें ,परसों करें।

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