टहलना |
जीवन कभी एक सा नहीं रहता। जीवन में बदलाव होते रहते हैं। हम हों या हमारे आसपास की चीज़ें सब समय के अनुसार बदलती रहती हैं जैसे मौसम ,हमारा शरीर कभी उम्र के अनुसार तो कभी सेहत के अनुसार। कहते हैं बदलाव नियम है इस दुनिया का। जो बदलाव भगवान की मरज़ी से होते हैं या ये भी कह सकते है की प्रकृति के अनुसार होते हैं उसमें तो हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अपने जीवन में छोटे छोटे बदलाव करके हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।
रोज़ एक ही तरह का काम करके और एक ही तरह की समय सारणी का पालन करके बहुत बोर महसूस होने लगता है और जीवन में कुछ मज़ा नहीं आता चाहे हम कितना भी अच्छा काम कर रहे हों। कभी कभी हमें ऐसे बदलाव करने चाहिए जो बाकी दिनों से अलग हों जिससे की जीवन में कुछ नयापन महसूस हो और हो सकता है जीवन में कुछ नया सिखने या कुछ नया समझने को मिल जाये। कहीं न कहीं हम सब ने अपने जीवन में ये बात सुनी ही होती है की वक़्त और हालात कितने भी बुरे और अच्छे क्यों न हों कुछ न कुछ तो सीखा कर ही जाते हैं। बदलाव हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नयापन महसूस करना |
उस दिन जब मैं सुबह उठा। सोचा आज कुछ अलग करता हूँ। रोज रोज एक ही टाइम टेबल फॉलो करके बोर हो गया था। रोज सुबह जल्दी उठना योग और एक्सरसाइजेज करना ये तो चलता ही रहेगा लेकिन आज कुछ अलग होना चाहिए। फिर सोचा क्या करूँ वापस सो जाऊँ। नहीं ये ठीक नहीं रहेगा इससे अच्छा तो कसरत ही कर लेता हूँ। फिर सोचा ऐसे ही बाहर घूम लेता हूँ।
बाहर घूमते हुए ख्याल आया की इस तरफ तो रोज ही घूमता हूँ आज कहीं और चलता हूँ। फिर क्या था मैं चल पड़ा कच्चे रास्तों पर खेतों की तरफ। वैसे भी जब से गांव छूटा है तब से खेतों की तरफ जाने का मौका नहीं मिलता। मैंने हाथ में एक डंडी उठाई और उसे घुमाते हुए चलने लगा। सुबह की ठंडी और ताज़ी हवा ,चारों तरफ हरा भरा माहौल मन को बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
अच्छा महसूस करना |
फिर सोचा सामने वाले पहाड़ पर चलता हूँ जो की काफी दूर है गाड़ी से तो कई बार जा चूका हूँ आज पैदल चल के देखता हूँ कितना दूर है और कितना समय लगेगा। मैं पैदल उस पहाड़ की तरफ चल पड़ा। उस दिन मैं लगभग आठ किलोमीटर पैदल चला। मेरा मन भी बहल गया। मुझे बहुत पसीना भी हुआ जैसे मैंने बहुत ज्यादा एक्सरसाइज कर लिया हो और मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था। उसके बाद हर शाम को मैं उस पहाड़ की तरफ जाने लगा।
कभी कभी कुछ ऐसे ही कर लेना कितना अच्छा होता है ,कुछ नया सिखने को मिल जाता है। मैंने पहले सही ही सुना था की वाकिंग दुनिया की बेहतर एक्सरसाइज है। बस अपने आप में खोये रहो और चलते रहो इससे पूरे शरीर की कसरत भी हो जाती है और इसमें कुछ खर्चा भी नहीं है।
इतने समय से वाकिंग करने के बाद मैंने ये भी महसूस किया है की रोज चलने के कारण हमें जीवन जीने और जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने लिए आत्मविश्वास बढ़ने लगता है और हम तनावमुक्त भी होने लगते हैं। ये कहना गलत नहीं होगा की बदलाव हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
बदलाव से मेरा मतलब जीवन में अच्छे बदलाव से है। कई बार ऐसा भी होता है की सब कुछ अच्छे से चल रहा होता है और एक अनावश्यक बदलाव के कारण या तो सब गड़बड़ हो जाता है या उसमें पहले जैसी बात नहीं रहती है। जैसे अगर उस दिन टहलने के बजाय अगर मैं सो जाता या ऐसी कोई आदत अपना लेता जो मेरी अच्छी लाइफस्टाइल से सम्बंधित नहीं होती तो उस दिन मुझे टहलने और बदलाव का महत्व समझ में नहीं आता। हमें बदलाव अच्छे के लिए करना चाहिए। बदलाव करते समय ये ध्यान रखना चाहिए की जो पहले से अच्छा हो रहा है उसपर कोई गलत प्रभाव ना पड़े।
सुबह की चाय |
इसको और सही से समझने के लिए मैं अपने बचपन की एक बात यहाँ बताना चाहूंगा। उन दिनों रविवार की छुट्टी के दिन टेलीविजन पर सुबह सुबह एक गाने का कार्यक्रम आता था। उस दिनों लोगों को वो कार्यक्रम बहुत पसंद था। उस दिन रविवार की छुट्टी का दिन होता था तो लोग आराम से चाय की चुस्की के साथ उस कार्यक्रम का आनंद लेते थे। कुछ समय बाद ऐसा हुआ की उस कार्यक्रम में कुछ बदलाव किये गए जिसके कारण उस कार्यक्रम में वो पहले वाली बात नहीं रही जिसके कारण लोगों की उस कार्यक्रम के प्रति दिलचस्पी कम होती गयी।
इस उदाहरण से आप समझ सकते हैं की बिना वजह बदलाव के क्या नुकसान हो सकते हैं।
बदलाव उतना ही अच्छा है जितना की जरूरी है।
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