सुनें 👇 उस दिन रात के साढ़े आठ बजे होंगे। मेरे छोटे साले के फ़ोन आया वो भी वीडियो कॉल। मैं उस समय फेसबुक पर अलग अलग वीडियो देख रहा था ,जो की मेरी रोज की आदत है। न चाहते हुए भी पता नहीं क्यों ,मैं सोने से पहले वीडियो देखता ही हूँ और बहुत ज्यादा देखता हूँ ,ये जानते हुए भी की इतना वीडियो देखना हानिकारक है फिर भी देखता हूँ। स्मार्टफोन में देखना कुछ समय पहले मैंने इस आदत पर पूरी तरह काबू भी कर लिया था। शाम को ७ बजे के बाद मैं मोबाइल को दूर रख देता था। अलार्म के लिए भी मैंने एक छोटी अलार्म घडी ख़रीदा है और इस्तेमाल भी करता हूँ। क्योंकि कई बार ऐसा होता था की मैं मोबाइल में अलार्म लगाकर पास में रखता था चूँकि मोबाइल में होता था तो कुछ न कुछ देखने का मन करता ही था। और अगर एक बार देखना शुरू हो जाओ तो देखते देखते समय का पता ही नहीं चलता है और उसके बाद रात को नींद न पूरी होने का खामियाज़ा पूरे अगले दिन भुगतना पड़ता है। जैसे की रात को देर से सोने पर सुबह देर से उठना और बाकि के सारे काम देर से होना और अगर जबरदस्ती जल्दी उठ भी गए तो अधूरी नींद की वजह से काम में मन न लगना ,आलस होना, काम सही से न...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...