मन का रावण कब जलेगा जलते हैं हर साल पुतले देखकर जिसको मन तो बहले लेकिन अच्छाई से प्रेरित होकर मन कब बदलेगा मन का रावण कब जलेगा आप यह वीडियो भी देख सकते हैं 👇 मन का रावण कब जलेगा (कविता) वीडियो लगते हैं हर साल मेले अपनों से मनमुटाव करके घूमते हैं भीड़ में अकेले अपनों से ये मनमुटाव कब मिटेगा मन का रावण कब जलेगा रावण भी मेहनती था ,बहादुर था ,विद्वान था लेकिन वो बुरी नियत और बुरे कर्मों के कारण एक प्रख्यात शैतान था आज का विद्वान ,मेहनती और बहादुर जवान अच्छी नियत और अच्छे कर्मों के लिए आगे कब बढ़ेगा मन का रावण कब जलेगा देखते हो दूसरों में कमियां ,बुरी लगती हैं दूसरों की नादानियाँ अपने अंदर की कब पहचानोगे अच्छाइयाँ और खामियाँ हृदय का राम कब जगेगा मन का रावण कब जलेगा लड़ते हो राम के नाम पर राम के चरित्र में त्याग था ,मर्यादा थी ,सादापन ,मानवता और प्रेम की भावना थी राम का चरित्र कब समझोगे जिसने अपनों के लिए महल छोड़ खुशी से वनवास अपना लिया वो अपने नाम पर फैलाये नफरत स...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...