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हमें सोच समझकर और आकलन करके ये तय करना होता है की किसको कितना महत्व देना चाहिए और हालात के अनुसार सभी कामों को कैसे निपटाना चाहिए।
आज की सुबह बड़ी ही मस्त थी। हमेशा की तरह हम तीन लोग सुबह जल्दी उठे और हमेशा की तरह हम सभी घर से बाहर निकले। जब मैं घर से बाहर निकलकर और बरामदे में बैठकर अपने जुते पहन रहा था तो देखा की आज मौसम बहुत अलग है। आसमान में बादल छाये हुए हैं। ऐसा लग रहा था की कभी भी बारिश हो सकती है।
मैंने सोचा की अगर बारिश होने लग गयी तो मेरा और दोस्तों का सुबह दूर तक टहलना ,दौड़ना और कसरत बंद हो जायेगा। फिर मैंने सोचा की हर मौसम का अपना महत्व है। अगर बारिश नहीं हुई तो इस साल पानी की बहुत दिक्कत हो जाएगी। लेकिन मेरे लिए रोज दौड़ना और टहलना भी जरुरी है। दोस्तों का इंतजार करते हुए और अपने घर के सामने टहलते हुए मैं और सोचते हुए इस निष्कर्ष पर पहुँचा की दौड़ने और टहलने का काम अगर कुछ समय नहीं हुआ तो क्या फर्क पड़ेगा। मैं सुबह जल्दी तो उठता ही हूँ जब तक बारिश का मौसम रहेगा तब तक घर में ही सुबह योग करने के बाद कसरत भी कर लूंगा। माना की सुबह मेरे लिए दौड़ना और कसरत जरुरी है लेकिन बारिश के मौसम में बारिश होना उससे भी ज्यादा जरुरी है। वैसे भी मौसम के हिसाब से बारिश पहले ही शुरू हो जानी चाहिए थी। आखिर हर मौसम का अपना ही मजा होता है। गर्मी बहुत हो गयी है अब बारिश हो ही जानी चाहिए। सभी को गर्मी से राहत मिले।
वैसे देखा जाये तो हम सभी के जिंदगी में भी ऐसा कई बार होता है की हमारे सामने ऐसे हालात होते हैं जिसमें हमारे पास दो या दो से अधिक काम होते हैं और हमारे लिए सभी महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन हमें सोच समझकर और आकलन करके ये तय करना होता है की किसको कितना महत्व देना चाहिए और हालात के अनुसार सभी कामों को कैसे निपटाना चाहिए। ये भी तय करना पड़ सकता है की कौन से काम को कुछ समय तक नहीं करना है। और कौन से काम का होना ज्यादा जरुरी हैं। जैसे मुझे बारिश का होना ज्यादा जरुरी लगा। हालाँकि फिट रहने के लिए मेरा दौड़ना और कसरत करना भी जरुरी है लेकिन समय के अनुसार बारिश होना भी जरुरी है। इसलिए मुझे ये सोचकर निराश नहीं होना है की बारिश हो गयी तो मेरा दौड़ना कुछ समय के लिए बंद हो जायेगा।
अभी इस निष्कर्ष पर पहुँचा ही था की एक मित्र आ गए जो की उम्र में मुझसे बड़े हैं लेकिन अपनी पुरानी फिटनेस को पाने के लिए कुछ समय से रोज हमारे साथ आते हैं और जितना हो सकता है दौड़ने और कसरत करने की पूरी कोशिश करते रहते हैं। उनसे भी मैंने बादलों की तरफ देखते हुए यही बात कही की आज बहुत बादल हैं। कभी भी बारिश हो सकती है। इतने में दूसरे मित्र भी आ गए जो की अभी कॉलेज के विद्यार्थी हैं और फिटनेस के काफी शौकीन हैं। और उम्र में हम दोनों से काफी छोटे हैं और फिट भी हैं। और इस मित्र ने भी आते ही कहा की अंकल आज मौसम थोड़ा ठंडा है। वैसे आज एक और मित्र आने वाले थे लेकिन उनको फ़ोन करने पर उनका फ़ोन स्विच ऑफ़ आ रहा था। इसलिए सोचा उन्हें नहीं बुलाना ही ठीक रहेगा क्योंकि अगर उन्हें आना होता तो वो पहले से उठकर तैयार रहते। हम तीन लोगों की टोली टहलते हुए हमेशा की तरह चल पड़ी अपने घर से कुछ किलोमीटर दूर जंगलों और पहाड़ो की तरफ दौड़ने और कसरत करने के लिए।
आगे क्या क्या हुआ जानने के लिए कृपया अगले भाग का इंतज़ार करें। जिसको पढ़ने के बाद आपको अच्छा महसूस होने के साथ जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारी भी मिलेगी।
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