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मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत

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आप इस लेख में समझेंगे की मेहनत और किस्मत से क्या क्या हो सकता है और इसमें सम्भावना और हिम्मत की क्या भूमिका है।

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मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत वीडियो




मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत

अकसर लोगों को कहते सुनता हूँ की सब किस्मत का खेल है जो किस्मत में लिखा होता है वही होता है। इसके उलट बहुत लोगों को ये कहते हुए भी सुना है की किस्मत से कुछ नहीं होता है अपनी मेहनत से होता है। किस्मत भी उसी का साथ देती है जो मेहनत करता है।किस्मत के भरोसे नहीं रहना चाहिए। कुछ लोग किस्मत को मानते ही नहीं और बिलकुल नकार देते हैं उनका कहना होता है की किस्मत विसमत कुछ नहीं होता है सब बकवास है और ये लोगों को बेवकूफ बनाने का तरीका है। 

मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत

वैसे ये सवाल हैं बहुत उलझे हुए की क्या सभी मेहनत करने वाले कामयाब हैं और अपनी मनपसंद जिंदगी जी रहे हैं ? क्या इस दुनिया में ऐसे लोग नहीं हैं जिन्होंने कुछ भी मेहनत नहीं किया है और हर तरह की सुख सुविधा में जी रहे हैं ? एक कहावत भी तो है "बिन माँगे मोती मिल जाना" जो की किस्मत में विश्वास को दर्शाता है। एक कहावत ये भी है "जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठी " यानी की आप जो चाहते हो वो आप पा सकते हो बहुत ही कठिन मेहनत करके। 

मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मतआप अगर पता करेंगे तो इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग मिल जायेंगे जिनकी जिंदगी बहुत आराम से कटती है कोई तनाव नहीं सारी सुख सुविधाएँ उनके पास हैं। ऐसे लोग भी हैं जिनके पास पहले कुछ खास नहीं था और उनके जीवन में कुछ ऐसा हुआ की एक बार उन्हें कोई नौकरी मिली या इसी तरह से उनके लिए रास्ता मिला और उसके बाद एक के बाद एक उन्हें कामयाबी की सीढ़ी मिलती गयी और वो समय के साथ कामयाब होते गए। ऐसे लोग भी मिल जायेंगे जो शुरु वात में बहुत कामयाब रहे होंगे और उनके जीवन में कुछ ऐसा हो गया होगा या हो सकता है कुछ ऐसा निर्णय ले लिया होगा जिसके कारण उनके जीवन में एक के बाद एक समस्याएं आनी शुरू हो गयी होंगी। हो सकता है वो इन समस्याओं से अपनी समझ और मेहनत के बलबूते और किसी की मदद मिलने से उबर जाए या हो सकता है वो पूरी तरह टूट जाए।  

ऐसे भी लोग होंगे जो ना तो बहुत ज्यादा कामयाब होंगे और ना ही बहुत नाकामयाब। उनका जीवन किसी तरह से ठीक ठाक चल जाता है। ऐसे भी लोग हैं जो बहुत ज्यादा गरीबी या बुरी हालत में रहे हों और बाद में बहुत कामयाब हो गए हों। ऐसे भी लोग हैं जो पहले से ही कामयाब होंगे और बाद में और कामयाब हो गए होंगे। 

ऐसे में सवाल उठता है की वो सभी जो नीचे से ऊपर की ओर आये हैं क्या उन लोगों ने मेहनत नहीं किया होगा ?क्या उनको कभी भी निराशा नहीं महसूस हुआ होगा ?क्या वो लोग जो उन्हीं के क्षेत्र में उन्हीं की तरह मेहनत कर रहे होंगे क्या सबको समान रूप से कामयाबी मिली होगी ?अगर नहीं मिली होगी तो क्या ये कहना उचित होगा की उन लोगों ने मेहनत नहीं किया होगा ?जब ये तय है की सारे मेहनत करने वाले कामयाब नहीं हैं और वो सभी जो कामयाब हैं जरूरी नहीं है की सभी ने कड़ी मेहनत ही की हो। होने को तो कुछ भी हो सकता है। यानी की कुछ भी निश्चित या फिर एक दम से तय नहीं होता की ऐसा किया तो पक्का ऐसा ही होगा। कुछ चीज़ें तय हो सकती हैं जैसे की अगर चोट लगे तो दर्द महसूस होगा ही लेकिन ये भी एकदम से पक्का नहीं है हो सकता है आगे आने वाले समय में प्राणियों में कुछ ऐसा बदलाव हो जाये की दर्द महसूस ही ना हो। 

ऐसे में जो शब्द उभर कर सामने आता है वो है सम्भावना। जो कुछ भी हो रहा है ,जो कुछ भी होने वाला है सब में संभावनाएं हैं। अगर आप कुछ काम करना चाहते हैं तो उस काम के अच्छे होने की भी संभावना है , बिगड़ने की भी संभावना है ,आप उस काम के लिए अच्छे से मेहनत करेंगे की संभावना है ,किसी कारण आप वो काम सही से ना कर पाएं इसकी भी संभावना है , हो सकता है वो काम शुरू में इतने अच्छे से ना हो पाए और बाद में अच्छे से हो जाये इसकी भी संभावना है। ऐसे ही हर चीज़ के साथ बहुत सारी सम्भावनाएँ होती हैं। 

अब इसमें मेहनत और किस्मत की क्या भूमिका है ? अगर हम किसी काम में अधिक लाभ देखते हैं और सारी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सही प्लानिंग के साथ काम करते हैं तो हमारे कामयाब होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि हम सारी संभावनाओं का आकलन करने के बाद जोखिम के बारे में जानते हैं और ऐसे में कौन सा कदम उठाना चाहिए हम उसके लिए तैयार रहते हैं। लेकिन अगर ऐसा कुछ हो जाये जो हमने सोचा नहीं हुआ होता या आकलन नहीं किया होता जिसके कारण हो सकता है हम कामयाब हो जाएँ ,हो सकता है नाकामयाब हो जाएँ ,या हो सकता है सफल हो जाएँ लेकिन जैसा उम्मीद था वैसा ना हो तो ऐसे में कहा जा सकता है की हमने मेहनत तो किया लेकिन किस्मत अच्छी नहीं थी। अगर कामयाब हो गए तो कह सकते हैं की ऐसा होने के बाद भी हम कामयाब हुए क्योंकि किस्मत अच्छी थी। या ये भी कह सकते हैं की हमने मेहनत जारी रखा ,हिम्मत नहीं हारा और कामयाबी मिल ही गयी। ये भी हो सकता है की आप को कोई अच्छा काम करने का मौका मिल गया लेकिन आप ने उस मौके का अच्छा फायदा नहीं उठाया या भी कह सकते हैं की आप को जो मौका मिला आप ने उसमे अच्छा प्रदर्शन नहीं किया व मेहनत नहीं किया तो ये भी कहना उचित होगा की किस्मत अच्छी थी लेकिन सही से कोशिश करने की जरुरत थी। 

अगर देखा जाये तो किसी भी काम में मेहनत और किस्मत का संतुलन होना जरुरी है।

मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत
मान लीजिये आप कोई लक्ष्य तय करके बहुत मेहनत कर रहे हैं और कुछ ऐसा हो जाये की आपने तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन जो आपका सिलेक्शन करने वाला है उसकी सोच और उम्मीद कुछ अलग है और आप अपने उस लक्ष्य में कामयाब नहीं होते हैं तो इसे किस्मत का खेल भी माना जा सकता है। और ये भी हो सकता है की आपने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया किया सामने वाले पर आपका अच्छा प्रभाव पड़ा और उसकी जो आपसे उम्मीद थी और जो उसकी सोच थी आप उसपे खरे उतरे तो आप कामयाब हो सकते हैं और ये कह सकते हैं की मैंने कड़ी मेहनत किया और कामयाब हो गया। इससे हम समझ सकते हैं की मेहनत और किस्मत साथ साथ चलते हैं। 

लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है की किस्मत हमेसा मेहनत के साथ ही होती है। किस्मत तो किस्मत है इसके बारे में भी कुछ भी पक्का नहीं कहा जा सकता है। इसको और समझने के लिए मैं अपने स्कूल के समय की एक आप बीती बताना चाहूँगा। 

मैं उन दिनों तीसरी क्लास में पढ़ता था और उन दिनों फाइनल एग्जाम चालू थे और अगला पेपर विज्ञान का था और उस दिन मेरा मन पढ़ने का नहीं कर रहा था। मैंने थोड़े बहुत प्रश्नो के उत्तर याद किये और पढ़ाई बंद कर दिया। अगले दिन मैं डरते डरते एग्जाम देने गया क्योंकि पढ़ाई सही से हुई नहीं थी। लेकिन विज्ञान का पेपर देखते ही मेरी ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। पेपर में वही सवाल आये थे जिनके जवाब मुझे पहले से याद थे और कुछ ऐसे भी थे जो मैंने रात को याद किये थे। मैंने सोचा ये तो कमाल हो गया जो थोड़े से पढ़े थे एकदम उसी में से आया। और मेरा पेपर बहुत ही अच्छा गया। और एक बार इसका उल्टा भी हुआ था। ये बात उसके अगले साल की है यानि की जब मैं चौथी कक्षा में था। उस दिन सामाजिक विज्ञान का पेपर था। सभी ने अच्छे से तैयारी की थी और उत्सुक थे पेपर देने के लिए। लेकिन जब पेपर आया तो सबकी हालत ख़राब हो गयी। क्योंकि सर ने गलती से सिलेबस के बाहर के प्रश्न डाल दिए थे। 

इन दो उदाहरणों से हम ये समझ सकते हैं की किस्मत होती है लेकिन उसके भरोसे नहीं रहा जा सकता है और हमें लगातार कोशिश करते रहना चाहिए हिम्मत ना हारते हुए। ये सच है किस्मत को जिसका भला करना हो तो वो कब और कैसे किसी का भला कर दे कुछ कहा नहीं जा सकता है। 

मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत

मेहनत तो हमें करते रहना चाहिए नाकामयाब होने के बावजूद भी हिम्मत रखते हुए अगला कदम बढ़ाते रहना चाहिए। क्या पता आज की हुई मेहनत आगे कुछ बहुत अच्छा करने में काम आये। साथ में ये भी जोड़ना चाहूंगा "मेहनत हमेशा उपहार नहीं लाती ,हिम्मत ना हारना दोस्तों क्योंकि ये भी सच है की कभी न कभी तो काम आती ही है ,ये कभी बेकार नहीं जाती "

उम्मीद करता हूँ मेरे इस लेख से आप मेहनत ,किस्मत ,सम्भावना ,हिम्मत के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। और जो लोग हमेशा नकारात्मक बातें करते हैं,हमेशा एकतरफा विचार रखते हैं और किसी काम में नाकामयाब होने पर बार बार कोसते हैं उन्हें ये लेख जरूर पढ़ाएं।   

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