Friends, somewhere we all have this confusion that if any problem comes, then how should our reaction be. Should we speak or remain silent at that time. It is better to speak or to remain silent or it can also be said that a problem can be solved by speaking or a problem can also be solved by being silent. There have been some incidents in my life through which I have tried to find the answer. Thinking Cycling on railway platform - In those days we had newly come to the Dhrangadhra. Dhrangadhra is a place in Gujarat. My father was a soldier and his posting was done in Dhrangadhra. In those days, the only means for us to go anywhere was the bicycle, through which my father used to go to his regiment and also to other places. I had learned to ride a new bicycle in those days. I loved cycling, so whenever I got a chance to ride someone else's cycle, I did not leave that opportunity. The same thing happened that day too. My father reached Dhrangadhra railway station to meet some...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...