Today after yoga and walk, I was taking morning sun on the terrace of my house. Thinking about the country, society and today's situation, this thought came that if we believe that our body is our temple, mosque, church or every building where it is believed that God's is the habitat. Thinking How good it would be if we take care of our body as God's place. Just like we take care of a place of worship properly and with a lot of heart, as if there is no kind of filth there, so much care is taken of cleanliness. Care is also taken that there is no wrongdoing there. There is a ban on bringing anything bad or harmful. If there is any deficiency or any problem comes in any part, then proper remedy is taken immediately and with great reverence. Similarly, if we take care of our body like don't keep dirt around us. Take great care of the cleanliness of the body. Avoid any bad habits which are harmful for the body. Do not eat or use anything that is harmful to the body. And if ...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...