सुनें 👇 जब करीब होता हूँ उसके lagaav मन खुशियों से भर जाता है नाचने गाने का मन करता है सब कुछ अच्छा लगने लगता है जब दूर होता हूँ उससे मन उदासियों से भर जाता है उसकी चिंता सताती है एक डर सा बना रहता है कुछ भी रास नहीं आता है ये लगाव भी कैसे कैसे एहसास कराता है कभी उदासी की वजह बन जाता है तो ये कभी खुशियों की वजह बन जाता है आप यह वीडियो भी देख सकते हैं 👇 लगाव (कविता ) वीडियो वो मुझसे अनजान थी मैं उससे अनजान था समय के साथ साथ हम करीब आये वो क्या पल थे वो मेरी पहचान थी मैं उसकी पहचान था समय के साथ साथ हम दूर हो गए ,रास्ते बदल गए हम अलग होकर भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं दूर होकर भी लगता है मैं उसके करीब हूँ वो मेरे करीब है ये लगाव भी क्या अजीब चीज़ है ये लगाव भी क्या अजीब चीज़ है जिससे हो गया वो पराये होकर भी अपने हो गए जिससे नहीं हुआ या नहीं रहा वो अपने होकर भी पराये हो गए जिससे हो गया वो दूर होकर भी करीब है जिससे नहीं हुआ वो पास होकर भी दूर है सच में ये ल...
सुनें 👇 यह मेरे कॉलेज के दिनों की एक घटना है जिसमे एक दिन मुझे कॉलेज से घर जाते समय एक लड़की दिखी। जानी पहचानी लगी। फिर याद आया की एक समय स्कूल के दिनों में वो मेरी ही क्लास में थी। तब वह काफी मोटी हुआ करती थी लेकिन अब काफी फिट है और खूबसूरत भी। इसके आगे जो कुछ भी हुआ उससे मुझे ये सबक मिला की भावनाओं में बहकर किसी के भी सामने और कहीं भी किसी के भी बारे में कुछ भी नहीं बोल देना चाहिए चाहे वो सच ही क्यों ना हो क्योंकि लोग हर बात को गहराई से समझने के बजाय ज्यादातर गलत मतलब ही निकालते हैं। हमेशा की तरह उस दिन भी मैं कॉलेज से निकला घर जाने की लिए अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए। वैसे तो मैं डायरेक्ट बस ना मिलने पर दूसरे स्टॉप तक पैदल ही जाता था। लेकिन उस दिन मैं ऑटो से जा रहा था। उस दिन आसमान में बदल छाये हुए थे और बारिस होने की भी संभावना थी। उस ऑटो में बैठे हुए अभी कुछ ही दूर पहुंचा होऊंगा की ऑटो वाले ने एक लड़की के सामने ऑटो रोक दिया जो की एक सिग्नल से थोड़ी दूर सड़क के किनारे खड़ी थी। शायद वो लड़की उसकी पहचान की रही होगी। वह ऑटोवाला उसे ऑटो में बैठने के लिए बोल रहा था लेकिन वो...